Sunday, November 16, 2008

भारत का गौरव हिमालय

भारत का गौरव हिमालय
हिमालय हमारा है। यह भारतीय राष्ट्र का गौरव है। यह हमारे देश का अभिन्न अंग है। भूटान से लेकर कश्मीर तक की संपूर्ण उत्तरी सीमा पर हिमालय फैला हु‌आ है। भारत बिहार के कुछ गांवों से हिमालय की चोटियां साफ-साफ दिखा‌ई पडती हैं। भारत की अनेक नदियां हिमालय से निकलती हैं। भारत के एक बहुत बडे भाग को इन नदियों ने हरा-भरा बना रखा है।

बाढ से हु‌ई बिहार मे क्षति

बाढ से हु‌ई बिहार मे क्षति
इस वर्ष बिहार में एक भयंकर बाढ आ‌ई । वन की हानि भी हु‌ई है। फसलें नष्ट हो ग‌ई और मवेशी बह ग‌ए । अनेक मकान गिर पडे। बाढ पीडितों की सहायता के लि‌ए अनेक संस्था‌एं तत्पर हो ग‌ईं। सर्वप्रथम बच्चों और स्त्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। बिहार में ऐसी बाढ कभी नहीं आ‌ई। हालांकि इस बाढ ने क‌ई नेता‌ओं की पोल खोल कर रख दी है, जिससे साफ पता चलता है कि किस तरह एक आम इन्सान प्राक्रतिक आपदा‌ओं में फंसा मदद के लि‌ए तरसता रहता है और को‌ई भी उसकी मदद को नही आता। जिस तरह बेचारे बाढ पीडित लोग परेशान हैं अपनों की तलाश में, भोजन की तलाश में की काश को‌ई आ‌ए और हमारी मदद करे।

मेरा भारत

मेरा भारत
भारत गावों का देश है। भारत की उन्नति उसके गांवों की उन्नति पर निर्भर करती है। गावों की उन्नति के लि‌ए यह आवश्यक है कि उसके निवासी पढे-लिखे हों शिक्षा के बिना मनुष्य अपने आपको भी ठीक से समझ नही सकता है। शिक्षा ही मनुष्य को पशु से अलग करती है। आज जितने देशों ने उन्नति की है, वह शिक्षा के ही कारन है। पूरे विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां क‌ई तरह की बोलियां बोली जाती हैं।

संस्कॄत केन्द्र

संस्कॄत केन्द्र

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के संस्कॄत केन्द्र की बनावट स्वास्तिक के आकार की है यदि हम इसका विहंगम द्रष्य देखें तो ये साफ पता चलता है, यहां पर बहुत सारी संस्कॄत की पुस्तकों का हिंदी अनुवाद एवं उसे इंटरनेट से जोडकर पूरे दुनिया में प्रचार प्रसार किया जा रहा है। संस्कॄत के विकास के लि‌ए यह एक बहुत ही अहम भूमिका निभा रहा है।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का पुस्तकालय

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का पुस्तकालय
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का पुस्तकालय यहां के छात्रों के लि‌ए बहुत ही सुविधाजनक है यह रात में १२-३० बजे रात तक खुला रहता है तथा यहां पर छात्रों के लि‌ए २५० से ज्यादा कंप्यूटर इंटरनेट के साथ उपलब्ध हैं।

न‌ई दिल्ली

न‌ई दिल्ली
न‌ई दिल्ली भारत की राजधानी है जो अन्य राज्यों की तुलना में बहुत ज्यादा विकसित है तथा दिल्ली की जो सबसे अच्छी बात है वह यह है कि दिल्ली में सबसे अधिक हरियाली है और यहां की सडकें भी बहुत ही सुंदर है। इसके अलावा न‌ई दिल्ली में रोजगार के बहुत सारे अवसर हैं। आज जहां एक ओर देश के विभिन्न हिस्सों में रोजगार की व्यवस्था बहुत ही कम है तो आज हर को‌ई रोजगार की प्राप्ति के लि‌ए दिल्ली आता है। साथ ही न‌ई दिल्ली में किसी भी प्रकार की पढा‌ई करने के लि‌ए क‌ई तरह के साधन उपलब्ध हैं।

मेरी पसंद

मेरी पसंद
मुझे कंप्यूटर पर गेम खेलना सबसे ज्यादा अच्छा लगता है और जब दोस्तों के साथ रहता हूं तब कैरम भी खेल लेता हूं।
मुझे किताब पढना अच्छा नहीं लगता है लेकिन पढना पडता है।

दिल्ली मेट्रो

दिल्ली मेट्रो
दिल्ली मेट्रो भारत में दिल्ली एवं कलकत्ता जैसे शहर में ही देखा जा सकता है यह दिल्लीवासियों के लि‌ए बहुत ही सुविधाजनक है। मेट्रो रेल को बनाने में जापान की तकनीकी प्रयोग की ग‌ई है। आज मेट्रो ने जहां एक ओर आम आदमी को इधर से उधर सफर करने में आनन्द दिलाया है, वही दूसरी ओर आज हर आदमी अपने गंतव्य तक जल्दी से जल्दी पहुंचना चाहता है। और अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिये सबसे तेज माध्यम तो है ही।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का वातावरण

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का वातावरण
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का वातावरण बहुत ही अच्छा है। यहां चारों तरफ जंगल की तरह है, हालांकि अब यहां पर आजकल भवनों का निर्माण हो रहा है। फिर भी यहां का वातावरण बहुत ही अच्छा है। चारों तरफ हरियाली ही हरियाली है, विभिन्न प्रकार के पशु एवं पक्षी यहां के जंगलों एवं पार्कों में घूमते रहते हैं, जिनको देखकर हम अपने आपको बहुत आनन्दित महसूस करते हैं।

ढाबा

ढाबा
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में अनेक ढाबे हैं, जहां पर देर रात तक भोजन प्राप्त किया जा सकता है, इन ढाबा‌ओं में गंगा ढाबा, नीलगीरी ढाबा, मुगल दरबार एवं कैंटीन सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं। छात्र देर रात तक पढा‌ई करने के उपरांत जब थक जाते हैं तो अपने सुविधानुसार नज़दीकी ढाबा पर जाकर चाय एवं नाश्ता वगैरह करके अपनी थकान दूर करते हैं। इन ढाबा‌ओं पर सिर्फ जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के ही नहीं वरन आसपास रहने वाले बाहरी छात्र भी आते हैं जिनके लि‌ए ये एक प्रकार से वरदान सिद्ध हो रहा है क्योंकि अगर यह न होता तो न केवल जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों वरन बाहरी छात्रों को भी बहुत सारी तकलीफ़ों का सामना करना पडता ।

छात्रावास

छात्रावास
मैं नर्मदा छात्रावास में रहता हूं जो जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के टेफ़्ला कैन्टीन के सामने स्थित है। इस छात्रावास में रहने वाले छात्र ज्यादातर भाषा एवं कम्प्यूटर के हैं। नर्मदा एक छोटा सा छात्रावास है जहां पर २५० के लगभग छात्र रहते हैं। जो घुलमिलकर रहते हैं।

मेरी इच्छा

मेरी इच्छा
मैं बचपन से ही शिक्षक बनने का इच्छुक रहा हूं। और मेरी इच्छा रही है कि विदेश में शिक्षक बनूं। और इसी लि‌ए मैं जापानी भाषा से स्नातक कर रहा हूं और स्नातकोत्तर भी करना चाहता हूं। ऐसा करने के बाद मैं भारत देश की मुख्य पुस्तकों को जापानी भाषा में अनुवाद करना चाहता हूं। और जापान की मुख्य पुस्तकों को हिन्दी भाषा में अनुवाद करना चाहता हूं ताकि दोनों देशों के संस्क्रति और विचारों का आदान प्रदान हो। दोनों देशों के लोग एक दूसरे के प्रति अवगत हों।

जापानी भाषा केंद्र

जापानी भाषा केंद्र
मैं जापानी भाषा का छात्र हूं, हमारा जापानी भाषा केंद्र बहुत प्रसिद्ध है। हमारे जापानी भाषा केंद्र के विभागाध्यक्ष श्रीमती अनीता खन्ना हैं। उनके अलावा लगभग दस प्रोफ़ेसर हमारे जापानी भाषा केंद्र में हैं। जिनमें पुरुष प्रोफ़ेसर कुल तीन हैं। और उनके अलावा सारे प्रोफ़ेसर महिला‌एं हैं। सारे प्रोफ़ेसर बहुत ही अच्छे हैं। खूब ध्यानपूर्वक अपने छात्रों को पढाते हैं। हमारे जापानी भाषा केंद्र में स्नातक से लेकर शोध तक की पढा‌ई होती है। हमारे केंद्र के सारे प्रोफ़ेसर बहुत विद्वान हैं। हमारे जापानी भाषा केंद्र में छात्रों की संख्या लगभग १५० है।

भाषा केंद्र

भाषा केंद्र
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक भाषा का केंद्र है। जहां पर विश्वभर की अनेक भाषा‌एं पढा‌ई जाती हैं। जिनमें जापानी चीनी, कोरियन, उर्दू, फ़ारसी, अरबी, अंग्रेज़ी आदि जैसी भाषा‌एं आती हैं। यह भाषा‌ओं का केंद्र जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में एस. एल के नाम से जाना जाता है। यही ऐसा केंद्र है जहां पर ग्रेजु‌एशन की भी पढा‌ई होती है।
जे एन यू,
जे एन यू, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय भारत के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का नाम हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया है। इसकी स्थापना का श्रेय हमारे देश की प्रथम महिला प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को जाता है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय मुख्य रूप से रिसर्च विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाता है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। इस विश्वद्यालय में अध्ययन करने के लि‌ए न केवल हमारे देश के बल्कि विश्वभर के लोग अध्ययन करने के लि‌ए आते हैं। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के उपरांत किसी भी छात्र को किसी भी प्रकार की नौकरी करने या ढूंढने में को‌ई भी दिक्कत नहीं होती। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में बी ए, एम ए, एमफिल और पी एच डी की किसी भी क्षेत्र की पढा‌ई होती है। यही वजह है कि न सिर्फ हिन्दुस्तान बल्कि विश्व भर से छात्र यहां अध्ययन करने के लि‌ए आते हैं।

वाराणसी

वाराणसी
मेरे शहर का नाम वाराणसी है, यह भारत की राजधानी नयी दिल्ली से लगभग ८०० किलोमीटर पूरब में स्थित है। जो एक धार्मिक स्थल के नाम से न केवल भारत में अपितु पूरे विश्व भर में जाना जाता है। वाराणसी में गंगा नदी बहती है जो भारत की सबसे पवित्र मानी जाने वाली नदी है। वाराणसी में अनेक घाट हैं जिनमें दशाश्वमेध घाट मणिकंका घाट एवं हरिश्चन्द्र घाट सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। सारनाथ भी वाराणसी में ही स्थित है जहां पर भगवान बुद्ध ने अपना उपदेश दिया था। वाराणसी के इसी सारनाथ के संग्रहालय में भारत का राष्ट्रीय चिह्न अशोक चक्र रखा हु‌आ है। वाराणसी में अनेक मंदिर है जो बहुत ही प्रसिद्ध है। वाराणसी का पुराना नाम काशी है। वाराणसी में अनेक विश्वविद्यालय हैं जिनमें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, संपूर्णानन्द संस्क्रत विश्वविद्यालय एवं सारनाथ में स्थित तिब्बती संस्थान शिक्षा के लि‌ए बहुत ही अहम भूमिका निभा रहा है।